उन्होंने अपने कई ट्वीट में कहा, 'क्या कोई इससे इनकार कर सकता है कि लोगों की जान गई, छोटे व्यापार बंद हो गए और रोजगार छिन गया?' चिदंबरम ने दावा किया कि जनता के पास 15 लाख करोड़ रुपए नकद है, यह मात्रा बढ़ रही है और नवंबर 2016 में 17 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि कितनी नकदी (रुपए की आपूर्ति) होनी चाहिए, यह फैसला रिजर्व बैंक का होना चाहिए, नाकि सरकार का।
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि कम मांग और कम वृद्धि के कारणों में से एक चलन में नकदी की कृत्रिम कमी भी है। उन्होंने सवाल किया, 'पारदर्शिता के हित में, सरकार/आरबीआई को रिजर्व बैंक बोर्ड का एजेंडा जारी करना चाहिए। यदि सरकार को अपने निर्णय पर भरोसा है, तो वह इन दस्तावेजों को सार्वजनिक करने से क्यों डर रही है?
उल्लेखनीय है कि ठीक एक साल पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोद ने काला धन, भ्रष्टाचार, जाली नोट और आतंकवाद को वित्त पोषण के खिलाफ लड़ाई की दिशा में एक कदम उठाते हुए 1,000 रुपए और 500 रुपए के मौजूदा नोटों को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी। विपक्ष आज नोटबंदी के एक साल पूरे होने पर ‘काला दिवस’ मना रहा है।