नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद बैंक खातों में पांच लाख रुपए से अधिक की राशि जमा कराने वाले ऐसे 18 लाख लोगों की पहचान की गई है, जिनका नकदी लेन-देन उनके करदाता प्रोफाइल से मेल नहीं खा रहा है। ऐसे लोगों को 10 दिनों में ई-सत्यापन कराना होगा नहीं तो उनके खाते सील कर दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि आयकर विभाग ने इस सॉफ्टवेयर पर आधारित 'स्वच्छ धन अभियान' शुरू किया है और इसी के तहत नोटबंदी के दौरान जमा नकद राशि की पहचान की जा रही है। इसके तहत करदाताओं के आयकर रिटर्न और नकदी लेन-देन का मिलान किया जा रहा है और उसी के आधार पर अधिक धनराशि जमा कराने वालों की पहचान की जा रही है। (वार्ता)