सरकार को जो उचित और राजनीतिक रूप से फायदेमंद लग रहा है, वही हो पा रहा है। नौकरशाही निरंकुश बनकर काम कर रही है। मीडिया पूरी तरह सरकार के प्रचारक की भूमिका निभा रहा है। ऐसे में जो कोई भी अव्यवस्था, संवेदनहीनता, अमानवीयता से त्रस्त लोगों आवाज उठाने की कोशिश कर रहा है, उसे यह नसीहत देकर चुप कराने की कोशिश की जा रही है कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए।