विशेषज्ञों के अनुसार जंगल वस्तुत: एक ऐसा जीवित समुदाय होता है जिसमें विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु, पेड़-पौधे, कीट-पतंगे एक-दूसरे पर निर्भर होकर अपना जीवन बिताते हैं। पर्यावरणविदों की शिकायत है कि पिछले कुछ दशकों में जिस तरह से मनुष्य ने अपने लालच की पूर्ति के लिए जंगलों का वध करना शुरू किया है, उससे जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वॉर्मिंग, ग्लेशियर का पिघलना जैसी विकट समस्याएं शुरू हुई हैं।