कार्तिक की हत्या और ऐसी कई घटनाएं केवल एक व्यक्ति की हत्या नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज में विश्वास की, संवेदनाओं की हत्या है। कल तक मैं अपने बच्चे को अजनबियों से सतर्क रहने के लिए कहती थी, आज मुझे उसे यह कहना पड़ता कि कोई भी चाचा-चाची, अंकल-आंटी या कोई भी रिश्तेदार हो, उन पर कभी विश्वास मत करो।