भारत में हर साल 4 मार्च के दिन राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य जनता में घटना और दुर्घटनाओं के प्रति जागरूक करना होता है। पूरे एक सप्ताह चलने वाले इस दिवस पर विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से औद्योगिक दुर्घटनाओं से बचाव के तरीकों से लोगों को अवगत कराया जाता है। संपूर्ण सप्ताह में की जाने वाली प्रत्येक गतिविधी का एक मात्र उद्देश्य लोगों को उनकी सुरक्षा के लिए जागरूक कर उन्हें सुरक्षा के विभिन्न तरीकों का परिचय कराना होता है।
इसके अलावा यह दिवस उन सुरक्षाकर्मियों को समर्पित हैं जो देश की सुरक्षा में दिन-रात लगे हुए हैं। उन्हीं के कारण हमारे देशी की सीमाएं सुरक्षित हैं और हम अपने अपने घरों में शांतिमय सुरक्षित जीवन जी रहे हैं। इस दिन हम सभी देशवासी, इन सभी सुरक्षाबलों का हृदय से अभिवादन करते हैं। यह दिवस उन सभी बलिदानियों को समर्पित हैं, जिन्होंने अपना रक्त देकर भी देश की सुरक्षा की।
इस बार इस साप्ताहिक कार्यक्रम में सुरक्षा के साथ सेहत, नारी सुरक्षा, कानून के प्रति जागरूकता, पर्यावरण और स्वच्छता पर भी फोकस किया जाएगा।
कब से प्रारंभ हुआ यह दिवस : 1966 में मुंबई सोसायटी अधिनियम के तहत 4 मार्च के दिन भारत में नेशनल सेफ्टी काउंसिल की स्थापना हुई थी। इसके बाद साल 1972 में इस संगठन द्वारा नेशनल सेफ्टी दिवस मनाने का निर्णय लिया गया और इसके बाद बहुत ही जल्द इसे नेशनल सेफ्टी डे की जगह नेशनल सेफ्टी सप्ताह के रूप में मनाया जाने लगा। यह संगठन गैर-सरकारी और गैर-लाभकारी संगठन है जिसमें लगभग 8 हजार से अधिक सदस्य कार्यरत हैं।