सनातनी किसी मूर्ति की ही नहीं, पशु-पक्षियों, नदियों-पहाडों, पेड़-पौधों, यहां तक की वाहनों और मशीनों की भी पूजा करता है। उसके लिए 'कण-कण में भगवान है।' पतिधर्म, पत्नीधर्म, बालधर्म, मानवधर्म, पशुओं की सहजवृत्ति के लिए पशुधर्म या शासकों के लिए राजधर्म जैसे शब्द केवल सनातनी शब्दावली में ही मिलते हैं। कोई व्यक्ति अपने संस्कारों से ही सनातनी (हिंदू) बनता है, न कि किसी धर्मांतरण से। सनातनी, जन्म और पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति पाने के लिए मोक्ष की कामना करते हैं। ईसाई, यहूदी और इस्लामपंथी कयामत के बाद स्वर्ग में रहने के सुख-चैन का सपना देखते हैं।