Maoism: आजकल माओवादियों के खिलाफ भारत सरकार का सैन्य ऑपरेशन चल रहा है। हाल ही में छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों ने 27 माओवादियों को मार गिराया है। भारत में माओवादी आतंकवाद कई राज्यों में फैला हुआ है। पश्चिम बंगाल, ओडीशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, केरल, महाराष्ट्र, और उत्तर प्रदेश में इनका बहुत बड़ा नेटवर्क है। साल 1967 में पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी इलाके में जमींदारों के खिलाफ शुरू हुआ सामाजिक आर्थिक आंदोलन आज हिंसात्मक रूप ले चुका है। सरकार के मुताबिक देश के करीब 90 जिले माओवादी नक्सलवाद से जूझ रहे हैं।
माओवादियों का उद्येश्य: माओवादियों ने आदिवासी, दलित, पिछड़े, जंगली इलाके में जन-असंतोष का फायदा उठाकर अपना इतना शक्तिशाली आधार बना लिया था। इनका उद्येश्य था पश्चिम बंगाल, ओड़िसा, आंध्र, बिहार से लेकर के नेपाल तक एक लाल गलियारा मनाना जो माओवादी विचारधारा पर आधारित राष्ट्र हो। प्रारंभ में भारत में जहां वामपंथी आंदोलन पूर्व सोवियत संघ से प्रभावित था और इसे मॉस्को से निर्देशित किया जाता था लेकिन भारतीय वामपंथियों में एक ऐसा धड़ा बना जोकि समाज परिवर्तन के लिए खून खराबे और हिंसा को पूरी तरह से जायज मानता था। यही आज का माओवाद है जोकि पेइचिंग से निर्देशित होता है। यह हिंसा और ताकत के बल पर समानान्तर सरकार बनाने का पक्षधर है और अपने उद्देश्यों के लिए किसी भी प्रकार की हिंसा को उचित मानते हैं।