International Mother Earth Day 2020 : हर दिन मनाएं पृथ्वी दिवस, ताकि बची रहे प्रकृति और जीवन

Webdunia
- अशोक जोशी 
 
वैसे तो दुनियाभर में साल में दो दिन पृथ्वी दिवस मनाया जाता है लेकिन 1970 से हर साल 22 अप्रैल को मनाए जाने वाले विश्व पृथ्वी दिवस/धरा दिवस का सामाजिक तथा राजनीतिक महत्व है। वैसे तो 21 मार्च को मनाए जाने वाले इंटरनेशनल अर्थ-डे को संयुक्त राष्ट्र का समर्थन हासिल है, लेकिन इसका वैज्ञानिक तथा पर्यावरण संबंधी महत्व ही है।
 
इसे उत्तरी गोलार्ध के वसंत तथा दक्षिणी गोलार्थ के पतझ़ड़ के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। फिर भी दुनिया के अधिकांश देशों में अब 22 अप्रैल को ही वर्ल्ड अर्थ-डे मनाया जाने लगा है। दरअसल यह दिवस अमेरिकी सीनेटर गेलार्ड नेल्सन की दिमाग की उपज है जो कई वर्षों से पर्यावरण को एक बार सभी के लिए राजनीतिक लोक प्रसिद्वी में रखने के लिए एक राह खोजने में लगे थे। 
 
ऐसे कई तरीके हैं जिसे हम अकेले और सामूहिक रूप से अपनाकर धरती को बचाने में योगदान दे सकते हैं। वैसे तो हमें हर दिन को पृथ्वी दिवस मानकर उसके संरक्षण के लिए कुछ न कुछ करते रहना चाहिए, लेकिन अपनी व्यस्तता में व्यस्त इंसान यदि विश्व पृथ्वी दिवस के दिन ही थो़ड़ा बहुत योगदान दे तो धरती के ऋण को उतारा जा सकता है। 
 
संयोग से 22 अप्रैल को ही अमेरिका में वृक्ष दिवस भी मनाया जाता है। वृक्षारोपण से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को घटाने, प्रदूषण से मुक्ति पाने, भू-क्षरण को टालने तथा जैव-वैविध्यता के लिए आशियाना बनाने में मदद मिलती है। बच्चों के साथ मिलकर हम अपनी धरती माता के संरक्षण के नए-नए तरीके अपना सकते हैं। 
 
इन दिनों न तो हमें चि‍ड़ियों की चहचहाट सुनाई देती है और न ही हमारे घर के आसपास आसमान में धवल पक्षियों की पंक्तियां ही नजर आती हैं। तो क्यों न कुछ ऐसा किया जाए कि स्थानीय पक्षियों की आबादी को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी छत पर उनके लिए घोंसला बनाएं या उनके दाने चुगने और पानी पीने का इंतजाम किया जाए? 
 
ऐसा कर हम पारिस्थितिक प्रणाली में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। पर्यावरण बचाने के लिए सबसे जरूरी है कि हम पहले पर्यावरण के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानें। धरा दिवस पर्यावरण के बारे में ज्यादा सीखने तथा यह जानने के लिए अनुकूल समय है कि हम किस तरह से पर्यावरण को संरक्षित रख सकते हैं। पृथ्वी दिवस के दिन आप कम से कम यह तो कर ही सकते हैं कि जितनी कम हो खरीदारी करें तथा ऐसी वस्तुएं न खरीदें जो ज्यादा पैकिंग में आती हो। स्थानीय खाद्य उत्पादकों से खरीदारी करें। डिस्पोजल 'लेट या कटलरी' का उपयोग न करें। 
 
आज के दिन पोलीथिन के उपयोग से बचें। बाजार जाते समय कप़ड़े का बेग साथ लें जाएं। ऐसा कर आप पर्यावरण संरक्षण यज्ञ में छोटी ही सही, पर महत्वपूर्ण आहूति दे सकते हैं। बच्चों को प्रोत्साहित करें कि वे अपने पुराने खिलौने तथा गेम्स ऐसे छोटे बच्चों को दे दें जो कि इसका उपयोग कर सकते हैं। एक तरह से यह रिसाइक्लिंग प्रक्रिया ही होगी क्योंकि एक तो आपके घर की सामग्री नष्ट होने से बच जाएगी, दूसरे जिसे वह मिलेगी उसे बाहर से पर्यावरण के लिए नुकसानदायक सामग्री खरीदनी नहीं पड़ेगी। इससे बच्चों में त्याग की भावना भी बलवती होगी। केवल बच्चों ही नहीं बड़े लोग भी अपने कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक सामान तथा पुस्तकें भेंट कर सकते हैं। 
 
हम सभी जो कि इस स्वच्छ श्यामला धरा के रहवासी हैं उनका यह दायित्व है कि दुनिया में कदम रखने से लेकर आखिरी सांस तक हम पर प्यार लुटाने वाली इस धरा को बचाए रखने के लिए जो भी सकें करें क्योंकि यह वही धरती है जो हमारे बाद भी हमारी निशानियों को अपने सीने से लगाकर रखेंगी। लेकिन यह तभी संभव होगा जब वह हरी-भरी तथा प्रदूषण से मुक्त रहे और उसे यह उपहार आप ही दे सकते हैं। तो हर दिन को पृथ्वी दिवस मानें और आज से ही नहीं अभी से ही करें इसे बचाने के प्रयास करें।

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