केजरीवाल पिछले विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के सपोर्ट से दिल्ली के मुख्यमंत्री बने व 49 दिनों में ही इस्तीफा देकर लोकसभा लड़ने बनारस पहुंच गए। 'न घर के रहे, न घाट के'। मतलब मुख्यमंत्री की गद्दी भी गई व लोकसभा में भी नहीं पहुंच पाए।
उनके जन्म के समय राशि स्वामी मंगल नीच का होकर लग्न में ही है। चन्द्र केंद्र में होकर मेष का होने से नीच भंग हो रहा है, तभी आप उच्च पद पर भी रहे, लेकिन दशम भाव में नीच के शनि ने आपको कहीं भी सफल नहीं होने दिया। यही ग्रहों की माया है।
केजरीवाल की पत्रिका में राजभंग योग होने से वे सफल नहीं होंगे व पहले से कम सीटें विधानसभा में आपकी आएगी। संभव है कि आप 20 से भी कम सीटों पर सिमट जाए। केजरीवाल को हार का भी सामना करना पड़ सकता है। वर्तमान में शनि, मंगल की वृश्चिक राशि पर दृष्टि है व जन्म के समय भी मंगल की मेष राशि पर है। यही स्थिति आपके लिए दुखःदायी है।