कृष्णा तीरथ भाजपा में शामिल, कांग्रेस हक्की-बक्की

सोमवार, 19 जनवरी 2015 (16:32 IST)
नई दिल्ली। पूर्व संप्रग मंत्री और प्रमुख कांग्रेस नेता कृष्णा तीरथ सोमवार को भाजपा में शामिल हो गईं। तीरथ के इस कदम से हक्की-बक्की कांग्रेस पार्टी ने केंद्र में सत्तारुढ़ पार्टी पर आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव से पूर्व हताशा में नेताओं को आयात करने का आरोप लगाया।
 
दिल्ली से 59 वर्षीय कांग्रेस नेता तीरथ का यहां भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने फूलों का गुलदस्ता देकर पार्टी में उनका स्वागत किया।
 
मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली संप्रग सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री रहीं तीरथ के साथ दिल्ली में पार्टी मामलों के प्रभारी प्रभात झा और दिल्ली भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय थे।
 
1984 से 2004 के बीच दिल्ली विधानसभा की सदस्य रहीं और 2004 से 2014 तक पश्चिमी दिल्ली से कांग्रेस सांसद ने शाह से मुलाकात के बाद कहा, यह विचारधारा का सवाल है। मैंने जनता की सेवा करने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की..मैं इस लक्ष्य के साथ आई हूं। 
 
भाजपा में उनकी भूमिका के बारे में पूछे जाने पर तीरथ ने कहा कि पार्टी प्रमुख इसका फैसला करेंगे। उन्होंने साथ ही कहा, मेरी भूमिका जनसेवा की होगी। पार्टी छोड़ने के कृष्णा तीरथ के इस कदम से हकबकाई कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने कहा कि यह भाजपा की बेचैनी और हताशा को दर्शाता है जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली को मिली ठंडी प्रतिक्रिया के बाद से किसी भी नेता को पार्टी में लाने को तैयार है।
 
उन्होंने कहा, उन्हें अन्य दलों से नेताओं को आयात करना पड़ रहा है क्योंकि उनका अपने नेताओं में कोई भरोसा नहीं है।
 
सात फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव से पूर्व तीरथ पिछले एक सप्ताह में भाजपा में शामिल होने वाली तीसरी हाई प्रोफाइल महिला हैं। इससे पहले पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी और पूर्व आप नेता शाजिया इल्मी भी भाजपा में शामिल हो चुकी है। 
 
भाजपा ने तीरथ के इस कदम का स्वागत किया है। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा, अन्य दलों के नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकास के एजेंडे से प्रेरित हैं और वे दिल्ली को विश्वस्तरीय शहर के रूप में देखना चाहते हैं तथा यही कारण है कि वे भाजपा में शामिल हो रहे हैं। 
 
तीरथ के भाजपा में शामिल होने को राष्ट्रीय राजधानी में दलित मतदाताओं को आकर्षित करने के भाजपा के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। शाह ने भी एक दलित रैली को संबोधित कर अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत कर दी है।
 
दिल्ली में 12 आरक्षित सीटें हैं जिनमें से अधिकतर पर पिछले विधानसभा चुनाव में आप ने जीत हासिल की थी। भाजपा को केवल दो और कांग्रेस के खाते में मात्र एक सीट आई थी।
 
तीरथ पहले दिल्ली विधानसभा की सदस्य और शीला दीक्षित की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार में मंत्री रह चुकी हैं जिस दौरान उन्होंने समाज कल्याण, अनुसूचित जाति-जनजाति और श्रम तथा रोजगार मंत्रालय का जिम्मा संभाला था।
 
वे दिल्ली विधानसभा की पूर्व उपाध्यक्ष और दिल्ली अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। तीरथ वर्ष 2004 से उत्तरी पश्चिमी दिल्ली सीट से सांसद हैं और पिछली संप्रग सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रह चुकी हैं।   इस बीच कांग्रेस के अन्य नेताओं ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से ऐन पहले पार्टी की वरिष्ठ नेता और संप्रग सरकार में मंत्री रहीं कृष्णा तीरथ के भाजपा में जाने को तवज्जो नहीं दी और मामले को नजरअंदाज करने का प्रयास किया। कृष्णा तीरथ के भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात करने और उनके भाजपा में शामिल होने की खबर उस वक्त आयी जब कांग्रेस महासचिव अजय माकन पार्टी मुख्यालय में आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एक पुस्तिका जारी कर रहे थे।

पार्टी के एक नेता ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि कृष्णा तीरथ पटेल नगर निर्वाचन क्षेत्र से टिकट पाने का भरसक प्रयास कर रही थीं लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट देने से इंकार कर दिया। कांग्रेस ने राजेश लिलोथिया को वहां से अपना उम्मीदवार बनाया है। तीरथ को वहां से टिकट नहीं दिया गया क्योंकि निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ता उनके खिलाफ थे।

उन्होंने कहा कि पार्टी इस बात से अवगत थी कि कृष्णा तीरथ भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं लेकिन पार्टी को लगता था कि यह महज दबाव बनाने की चाल है। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी ने पिछले कुछ दशकों में तीरथ को बहुत कुछ दिया है। वे पार्टी की विधायक और सांसद रही हैं तथा संप्रग सरकार में उन्हें राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार का दायित्व सौंपा गया था। (भाषा)

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