नई दिल्ली। राजनीति की नई परिभाषा गढ़ने वाले अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में आम आदमी पार्टी ने विशाल जन लहर पर सवार होकर दिल्ली की सत्ता में आज वापसी की। उन्होंने न केवल राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ते नरेन्द्र मोदी के विजय रथ को रोक दिया बल्कि जनता के दिलों दिमाग पर मजबूती के साथ अपनी 'बदलाव के दूत' की छाप पक्की की।
राजनीति के वैकल्पिक ब्रांड का प्रतीक बने और इंजीनियरिंग क्षेत्र को छोड़कर नौकरशाह और फिर राजनीति में कदम रखने वाले केजरीवाल ने दिसंबर, 2013 के विधानसभा चुनाव में 15 साल के कांग्रेस शासन को बाहर का रास्ता दिखाया और शीला दीक्षित जैसी कद्दावर नेता को भी मात दी। पहले ही चुनाव में उनकी पार्टी को 28 सीटें मिलीं।