शिअद से अब भी गठबंधन चाहती है भाजपा

शनिवार, 2 नवंबर 2013 (21:24 IST)
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दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा अपने सहयोगी दलों को हर हाल में साथ रखना चाहती है, यही वजह है कि शिरोमणि अकाली दल के साथ अनबन को सुलझाने में लगी है, वह शिअद के साथ मिलकर ही चुनाव मैदान में जाना चाहती है और इस दिशा में उसने प्रयास भी तेज कर दिया है, ताकि दोनों पार्टियों के मतभेद का कोई फायदा न उठा सके।

भाजपा ने कहा कि वह दिल्ली में कांग्रेस सरकार को पराजित करने के लिए किसी कीमत पर अपने गठबंधन को टूटने नहीं देना चाहती। दिल्ली में मुख्यमंत्री पद के भाजपा के मुख्यमंत्री पद के दावेदार हषर्वर्धन ने कहा कि हम उनके साथ पूरे तालमेल के साथ काम कर रहे हैं और मैं कभी नहीं चाहूंगा कि किसी भी कीमत पर गठबंधन टूट जाए। पार्टी की भी यही राय है।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से प्रयास चल रहे हैं मुझे सकारात्मक परिणाम की उम्मीद है। हषर्वर्धन ने अकाली दल (बादल) को भाजपा का स्वाभाविक सहयोगी बताते हुए उम्मीद जताई कि ये रिश्ते बने रहेंगे और दोनों दल चुनावों में कांग्रेस को हराने के समान उद्देश्य के साथ काम करेंगे।

हषर्वर्धन ने इस बात को स्वीकार किया कि दोनों दलों के बीच अभी तक सीट-बंटवारे पर सहमति नहीं बनी है, लेकिन उन्होंने इस बाबत सकारात्मक नतीजा निकलने की उम्मीद जताई। याद हो कि दिल्ली में 2008 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों में अकाली दल दिल्ली ने भाजपा के साथ गठजोड़ में 4 विधानसभा सीटों पर किस्मत आजमाई थी लेकिन सभी सीटों पर उसे हार का सामना करना पड़ा था।

विदित हो कि भाजपा की ओर से इस तरह की कोशिश तब की जा रही है, जब अकाली दल (बादल) की दिल्ली इकाई ने 4 दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में 16 सीटों पर अपने दम पर किस्मत आजमाने की घोषणा की है। गौरतलब है कि अकाली दल राजग का एक प्रमुख घटक दल रहा है। दोनों दल पंजाब में तीसरी बार मिलकर सरकार चला रहे हैं।

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