शैफाली शर्मा की कविताएँ

NDND
एक दी

अँधेरे पथ पर डगमगाते राही को
उजाले की किरण दे सके
व्यथित मन के बिखरे स्वप्न को
समेट लेने की ताकत दे सके

लक्ष्मण की रेखा से
कोई रावण न अब सीता को छीन सक
मन के रावण का दहन कर
जीवन की अयोध्या को प्रज्वलित कर सके
हर युग मे
मर्यादित राम लालसा के रावण को जीत सक
हर युग की सीता
बेहिचक अग्नि-परीक्षा से गुजर सक

कौशल्या की कोख से जन्मा हर राम
कैकेयी का दिल भी जीत सके
हर युग में लक्ष्मण
राम का वनवास जी सक
ऐसा एक दीप हर घर में जलाएँगे
इस कलयुग मे
हम एक बार फिर रामायण बनाएँगे।

Praveen BarnaleND
एक दीय

एक दीया ज्ञान का
एक दीया विश्वास क
एक दीया प्रेम का
और एक अंतर की प्यास क
एक मित्र के साथ क
एक शत्रु के नाश का
एक दीया हो आँगन में
हृदय में बची अंतिम आस क

एक प्रकाश की जीत का
एक अंधकार की हार क
एक दीया नफरत भरे दिलों में
बचे हुए प्यार क

एक टूटे रिश्तों को जोड़ने के लि
एक तूफान को मोड़ने के लि
एक प्रगति की राह में
अड़चन को पीछे छोड़ने के लि

एक दीया भटके को राह दिखाएगा
तो एक राह में भटकने से बचाएगा
सारे दिए बुझ भी जाएँ
उम्मीद का दीया कभी न बुझ पाएग

एक-एक करके कई दीप जलाएँगे
हर आँगन को खुशियों से महकाएँगे
आओ एक और दीया हाथ में उठाएँ
और शांति का प्रतीक बन जाएँ।