Astrological predictions 2025: इन ग्रहों और ग्रहण के संयोग से देश और दुनिया में हो रहा है उत्पात, आने वाले समय में होगा महायुद्ध

WD Feature Desk

गुरुवार, 11 सितम्बर 2025 (13:27 IST)
Planetary and Eclipse Conjunctions Year 2025: वर्ष 2025, जिसे ज्योतिषीय दृष्टि से कई अशुभ योगों वाला माना गया था, देश और दुनिया में कई भयानक घटनाओं का गवाह बना। इस वर्ष में ग्रहों और ग्रहणों के विशेष संयोगों को भूकंप, युद्ध, जन विद्रोह और प्राकृतिक आपदाओं जैसी घटनाओं का कारण माना जा रहा है। आइए, इन घटनाओं और उनके ज्योतिषीय आधार पर एक विस्तृत नज़र डालते हैं।
 
ग्रहण और ग्रहों का अशुभ योग
1. ग्रहण योग:
 
2. ग्रहों के योग:
 
इन गोचरों के साथ ही कई अन्य अशुभ योगों का निर्माण हुआ:
शनि-मंगल का नवपंचम योग: युद्ध और हिंसा का कारण।
राहु और शनि का पिशाच योग: सामाजिक अशांति और संघर्ष का सूचक।
मंगल और केतु का कुंज केतु योग: दुर्घटनाओं और आगजनी की आशंका।
शनि-मंगल और राहु-मंगल का षडाष्टक योग: बड़े टकराव और आपदाओं का प्रतीक।
खप्पर योग: युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं के लिए अशुभ माना जाने वाला योग।
इन सभी अशुभ योगों के कारण दुनिया में घटनाएं, दुर्घटनाएं, हादसे, भूकंप, प्राकृतिक आपदाएं, जन विद्रोह और युद्ध जैसे हालात देखने को मिले। वर्ष के अंत तक यह ग्रह योग बने रहेंगे।
 
भारत में हुए प्रमुख घटनाक्रम
आपदाएँ और दुर्घटनाएँ:
जनवरी में एक हादसे में 37 श्रद्धालुओं की जान गई, और फरवरी में दिल्ली में भगदड़ से 10 लोगों की मौत हुई।
अप्रैल में गुजरात की एक पटाखा फैक्ट्री में आग लगने से 17 लोगों की मृत्यु हुई।
जून में बेंगलुरु में आरसीबी की जीत के जश्न से पहले भगदड़ में 11 लोग मारे गए।
अहमदाबाद में एक भयानक प्लेन हादसे में 275 लोगों की मौत हुई।
पहाड़ी क्षेत्रों में बादल फटने और बाढ़ की घटनाओं से जनवरी से अगस्त तक 600 से अधिक लोग मारे गए, और हजारों लोग विस्थापित हुए।
 
आतंकवाद और रक्षा:
पहलगाम आंतकवादी हमला: 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 26 पर्यटकों को गोली मार दी।
ऑपरेशन सिंदूर: इसके जवाब में 7 मई को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान पर हमला कर आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट किया।
 
दुनिया में हुए प्रमुख घटनाक्रम
युद्ध और तनाव:
 
जन विद्रोह और सत्ता परिवर्तन:
 
प्राकृतिक आपदाएँ (भूकंप):
 
भविष्य की आशंकाएं: ज्योतिषियों का मानना है कि 2025 से भी अधिक खतरनाक वर्ष 2026 हो सकता है। हिंदू संवत्सर के अनुसार, 19 मार्च 2026 से रौद्र नामक संवत्सर शुरू होगा, जिसमें बड़े पैमाने पर राजनीतिक बदलाव होने की संभावना है। कुछ ज्योतिषियों का यह भी मानना है कि इस दौरान एक महायुद्ध हो सकता है, जो बड़े नरसंहार का कारण बनेगा।

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