रूप चौदस (नरक चतुर्दशी) पर कैसे करें अभ्यंग स्नान, जानिए प्राचीन नियम

नरक चतुर्दशी (रूप चौदस) के दिन प्रात:काल सूर्य उदय से पहले अभ्यंग (मालिश) स्नान करने का महत्व है। इस दौरान तिल के तेल से शरीर की मालिश करनी चाहिए, उसके बाद अपामार्ग यानि चिरचिरा (औषधीय पौधा) को सिर के ऊपर से चारों ओर 3 बार घुमाएं।
 
अभ्यंग स्नान शुभ मुहूर्त :05:15:59 से 06:29:14 तक। 
 
नरक चतुर्दशी से पहले कार्तिक कृष्ण पक्ष की अहोई अष्टमी के दिन एक लोटे में पानी भरकर रखा जाता है। नरक चतुर्दशी के दिन इस लोटे का जल नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करने की परंपरा है। मान्यता है कि ऐसा करने से नरक के भय से मुक्ति मिलती है।
 
स्नान के बाद दक्षिण दिशा की ओर हाथ जोड़कर यमराज से प्रार्थना करें। ऐसा करने से मनुष्य द्वारा वर्ष भर किए गए पापों का नाश हो जाता है।

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