क्यों चढ़ाते हैं खील-बताशे का प्रसाद
खील यानी धान मूलत: धान (चावल) का ही एक रूप है। खील चावल से बनती है और चावल उत्तर भारत का प्रमुख अन्न भी है। वैसे लक्ष्मी देवी को बेसन के लड्डू और भगवान गणेश को मोदक का प्रसाद भी चढ़ाया जाता है।
दीपावली के पहले ही इसकी फसल तैयार होती है, इस कारण लक्ष्मी को फसल के पहले भोग के रूप में खील-बताशे चढ़ाए जाते हैं। खील बताशों का ज्योतिषीय महत्व भी है। दीपावली धन और वैभव की प्राप्ति का त्योहार है और धन-वैभव का दाता शुक्र ग्रह माना गया है। शुक्र ग्रह का प्रमुख धान्य धान ही होता है। शुक्र को प्रसन्न करने के लिए हम लक्ष्मी को खील-बताशे का प्रसाद चढ़ाते हैं। यही कारण है कि दिवाली के दिन खील-बताशे चढ़ाए जाते हैं।