आइए जानते हैं यहां विस्मयकारी कथा-
इस संबंध में शास्त्रानुसार यह कथा है कि जब भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर राजा बलि से तीन पग भूमि दान का वचन लेकर अपने दो पग से समस्त लोकों को नाप कर अपने अधीन कर लिया और तीसरे पग के लिए जब राजा बलि ने अपना मस्तक आगे किया तो उनकी इस विनम्रता से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने राजा बलि से एक वर मांगने को कहा।
कथानुसार वे तीन दिन धनत्रयोदशी से लेकर दीपावली के होते हैं। इस प्रकार धनत्रयोदशी से दीपावली तक इस संपूर्ण पृथ्वी पर भगवान विष्णु का नहीं, अपितु राजा बलि का शासन रहता है। वरदान के अनुसार जो व्यक्ति राजा बलि के राज में दीपमाला प्रज्ज्वलन करता है, उसके यहां स्थाई लक्ष्मी का वास होता है।