दैत्यराज बलि को दिए अपने वरदान के कारण भगवान स्वयं तीन दिन के लिए इस संसार से अपने शासन का त्याग करते हैं। धनत्रयोदशी से अमावस्या अर्थात् दीपावली तक इस समस्त संसार में दैत्यराज बलि का शासन रहता है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति दैत्यराज बलि के शासन में दीपमाला प्रज्जवलित करता है उसके यहां स्थाई लक्ष्मी का वास होता है।