Ujjain Gajalakshmi Mandir : उज्जैन भारत का एक पवित्र धार्मिक स्थल है, यहां हर साल लाखों श्रद्धालु विभिन्न मंदिरों में दर्शन करने आते हैं। उज्जैन का हर मंदिर अपनी अनोखी कथा और महत्व रखता है, लेकिन मां लक्ष्मी का यह गजलक्ष्मी रूप का मंदिर विशेष आकर्षण का केंद्र है। यहां धन की देवी मां लक्ष्मी गजलक्ष्मी के अद्भुत रूप में विराजित हैं। इस आलेख में आज हम आपको उज्जैन में स्थित मां लक्ष्मी गजलक्ष्मी मंदिर के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
गजलक्ष्मी का विशेष रूप
मां लक्ष्मी के इस मंदिर में उनकी गजलक्ष्मी के रूप में पूजा होती है। गजलक्ष्मी का यह रूप अन्य मंदिरों से थोड़ा अलग है, जिसमें देवी लक्ष्मी एक गज यानी हाथी पर विराजमान हैं और चार हाथों में दिव्य चिह्नों के साथ दिखाई देती हैं। यहां दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु इस रूप को खास मानते हैं, जो समृद्धि और धन के आशीर्वाद का प्रतीक है।
साल में सिर्फ एक दिन मिलता है सिंदूर प्रसाद
इस मंदिर का सबसे विशेष पहलू यह है कि यहां साल में सिर्फ एक ही दिन, दीपावली के अवसर पर, मां लक्ष्मी का सिंदूर प्रसाद भक्तों को बांटा जाता है। मान्यता है कि इस दिन मंदिर का सिंदूर प्रसाद घर में रखने से पूरे साल मां लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है और धन-धान्य की कमी नहीं होती। इसलिए भक्तगण इस खास अवसर पर दूर-दूर से यहां आकर दर्शन करते हैं और यह प्रसाद अपने घर लेकर जाते हैं।
उज्जैन के इस मंदिर का महत्व
उज्जैन में इस अनोखे मंदिर का धार्मिक और आस्था के दृष्टिकोण से बहुत बड़ा महत्व है। मान्यता है कि गजलक्ष्मी के रूप में मां लक्ष्मी की पूजा से न केवल आर्थिक समृद्धि आती है बल्कि घर में सुख-शांति और सौभाग्य भी बना रहता है। कई भक्त अपनी सफलता और धन की वृद्धि के लिए इस मंदिर में आकर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
इस मंदिर की यात्रा का सही समय
यदि आप उज्जैन के इस अद्भुत गजलक्ष्मी मंदिर की यात्रा करना चाहते हैं, तो दीपावली के दिन यहां आने का सबसे अच्छा समय होता है। इस दिन मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना होती है और मंदिर का सिंदूर प्रसाद भक्तों को वितरित किया जाता है। इस दिन दर्शन और प्रसाद का विशेष महत्व होने के कारण यह मंदिर भक्तों से भरा रहता है।
कैसे पहुंचें उज्जैन के गजलक्ष्मी मंदिर
उज्जैन मध्य प्रदेश में स्थित है और यहां का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन उज्जैन जंक्शन है। हवाई यात्रा के लिए इंदौर हवाई अड्डा सबसे करीब है, जो लगभग 55 किलोमीटर दूर है। वहां से आप टैक्सी या बस द्वारा इस मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं।