Bhai dooj 2025: वर्ष 2025 में कब है भाई दूज? तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त क्या है?

मंगलवार, 7 अक्टूबर 2025 (16:11 IST)
Bhai dooj 2025: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाईदूज, चित्रिगुप्त पूजा और यम द्वितीया का पर्व मनाया जाता है। इस बार उदयातिथि के अनुसार यह पर्व 23 अक्टूबर 2025 गुरुवार को मनाया जाएगा। भाई दूज का पर्व मध्यान्ह काल में ही मनाया जाना चाहिए। इस दिन अभिजीत मुहूर्त हो तो अति उत्तम।
 
23 अक्टूबर 2025 को भाई दूज तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त 
द्वितीया तिथि प्रारम्भ- 22 अक्टूबर 2025 को रात्रि 08:16 बजे से।
द्वितीया तिथि समाप्त- 23 अक्टूबर 2025 को रात्रि 10:46 बजे तक।
नोट: उदयातिथि के अनुसार 23 अक्टूबर 2025 को मनाएंगे भाईदूज का पर्व।
 
भाई दूज अपराह्न समय- 01:13 से 03:28 के बीच।
अभिजीत मुहूर्त: दिन में 11:43 से 12:28 के बीच।
विजय मुहूर्त: अपराह्न 01:58 से 02:43 के बीच।
नोट: तीनों ही समय तिलक लगाने और भाई को भोजन कराने के लिए शुभ है।
 
कैसे मनाते हैं भाईदूज का पर्व?
1. बहन अपने भाई को लकड़ी की या चावल की चौकी बनाकर तिलक करें।
2. भाई को तिलक लगाते समय भाई का मुंह उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। बहन का मुंह उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। 
3. बहन अपने भाई को तिलक करने से पूर्व भाई के सिर पर फूल, पान, सुपारी, और पैसा रखें और भाई की कलाई पर मौली बांधें इसके बाद ही तिलक लगाएं। 
4. इस दिन भाई को तिलक करने के बाद भोजन कराएं और फिर इसके बाद ही भोजन करें। इससे पहले बहनें खाना न खाएं। भाई दूज पर भाई को भोजन कराने के बाद ही बहनें खाना खाएं।
5. इस दिन बहनें अपने भाई के लिए सात्विक भोजन ही बनाएं। भोजन में खीर और मीठा जरूर रखें। किसी भी प्रकार से तामसिक या राजसिक भोजन न बनाएं। भाई दूज पर मांसाहार बिल्कुल भी नहीं खाएं। 
6. भाई दूज के दिन भाई और बहन आपस में लड़ाई-झगड़ा न करें और घर परिवार की विवादित या पुरानी बातों पर चर्चा न करें। खुशी का माहौल बनाए रखें।
7. रक्षा बंधन पर भाई अपनी बहन को उपहार देता है जबकि भाई दूज पर बहनें अपने भाई को उपहार दें। हालांकि दोनों ही एक दूसरे को उपहार दें तो कोई हर्ज नहीं।
8. भाई दूज पर भाई-बहन काले रंग के कपड़े न पहनें। पीले, लाल, गुलाब, हरे रंग के कपड़े पहन सकते हैं।
9. बहने इस दिन अपने भाई को पान जरूर खिलाएं। इससे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होगी।
10. यदि संभव हो तो दोनों यमुना स्नान करें।

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