कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप कम हुआ है तो डेल्टा प्लस वेरिएंट ने दस्तक देना शुरू कर दिया है। डेल्टा प्लस के शहर में धीरे-धीरे मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि कोरोना से ठीक हुए मरीजों में पोस्ट कोविड के लक्षण बहुत अधिक सामने आ रहे हैं। अभी तक कोविड और पोस्ट कोविड के लक्षण नजर आ रहे थे लेकिन अब वैक्सीनेशन के भी साइड इफेक्ट सामने आए रहे हैं। जी हां, एक शोध में दावा किया गया है कि भारत में कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों में अलग ही सिंड्रोम देखा गया है जिसे वैज्ञानिक गुलियन बेरी सिंड्रोम कह रहे हैं।
यह एक प्रकार की दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है। इसका सीधा असर इम्यून सिस्टम पर पड़ता है। इम्यून सिस्टम खुद ही अपने ऊपर नकारात्मक तरीके से हावी होने लगता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह सिंड्रोम बैक्टीरियल या वायरल इंफेक्शन के कारण होता है। लेकिन शोधकर्ता यह भी कह रहे हैं कि टीकाकरण होने के बाद इस बीमारी की संभावना बहुत कम है।
- आंखों से धुंधला नजर आना।
- बोलने में परेशानी होना।
- चेहरे की मांसपेशियां कमजोर होना।
जी हां, भारत के केरल राज्य में इस बीमारी के 7 नए मामले सामने आए है। जिन्हें एस्ट्रेजनेका यानी कोविशील्ड वैक्सीन दी है। यूरोपीय नियामकों के अनुसार इस संबंध में अधिक रिसर्च की जा रही है। वहीं एनाल्स ऑफ न्यूरोलॉजी के एक शोध में दावा किया है कि भारत में इस बीमारी के 7 मामले सामने आ चुके हैं। साथ ही यह मामले वैक्सीन के 10 से 22 दिन बाद इस तरह के लक्षण सामने आए है।