खाट पर सोने से मिलती है जोड़ों और मांसपेशियों में राहत, जानें 3 फायदे

जैसे - जैसे लाइफस्‍टाइल बदलने लगी है बीमारियों का अंबार भी बढ़ने लगा है। क्‍योंकि बदलाव गलत तरह से हो रहे हैं। अक्‍सर देखा होगा 35 से 40 के उम्र के लोगों को ही जोड़ों में दर्द, कमर दर्द, पीठ में दर्द होना या गर्दन में दर्द होना। आजकल के वक्‍त अपने नरमदार गादी को छोड़कर जमीन पर सोने की सलाह दी जाती है। ताकि दर्द में आराम मिल सके। ऐसे में विशेषज्ञों के मुताबिक खाट पर सोने से भी आपको बहुत आराम मिल सकता है। आइए जानते हैं कैसे?
 
1. दरअसल, खाट पर सोने में आपको सावधानी से सोना पड़ता है। गलत करवट पर सोने में आपको आराम महसूस नहीं होगा। और आप खुद से ही खाट पर सीधे सोने लगेंगे। इसलिए भी खाट पर सोने की सलाह दी जाती है।  
 
2.ब्‍लड सर्कुलेशन गादी पर बहुत अधिक अच्‍छे से नहीं होता है। क्‍योंकि आपकी नसें और मांसपेशियां दब जाती है। जिससे कहीं ब्‍लड सर्कुलेशन धीमा हो जाता है तो कहीं रूक भी जाता है। खाट पर सोने से ब्‍लड सर्कुलेशन की समस्‍या बहुत अधिक नहीं होगी।    
 
3. सायटिका का दर्द भयानक सपने की तरह होता है। कमर में एक नस होती है जो कुल्‍हें से भी जुड़ते हुए सीधे पैर तक जुड़ती है। इसका दर्द भयानक होता है। पैर या कमर में नस दब जानें पर सायटिका का दर्द होता है। ऐसा माना जाता है कि कम दर्द होने पर खाट पर सोना चाहिए। इससे आराम मिलता है। हालांकि सायटिका का दर्द मामूली नहीं होता है। इसलिए डॉक्‍टर की सलाह लेने पर इसका मजा लिया जा सकता है। 

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