जब किसी व्यक्ति को शरीर में कंपकंपी होने लगे, सांस फूलने लगे, एक अनजाना डर, बेचैनी, तेज-तेज और छोटी सांस आने लगे, लगभग हार्ट अटैक आने जैसा महसूस हो, तब इसे ही पैनिक अटैक कहते है। इस तरह के संकेत डायबीटीज, ब्लड प्रेशर, दिल के मरीज और अस्थमा के मरीजों में ज्यादा देखने को मिलते है। ऐसी किसी भी परिस्थिति के लिए इन बीमारियों के मरीजों को हमेशा ही तैयार रहना चाहिए।
पैनिक अटैक आने की क्या वजह है?
- वैसे तो पैनिक अटैक आने की कोई खास वजह नहीं होती लेकिन कई बार यह एंग्जाइटी से जुड़ा हो सकता है।
- कई मामलों में पैनिक डिस्ऑर्डर की वजह चिंता, निराशा, उदासीनता भी होती है।
- पैनिक अटैक एक तरह का 'एंग्जाइटी डिस्ऑर्डर' है।
- कई बार किसी तरह के डर व फोबिया की वजह से भी यह अटैक आ सकता है।
- कई बार शुगर लेवल कम होने की वजह से और किसी दवा के रिएक्शन से भी आ सकता है।
- हॉर्मोन डिस्ऑर्डर, अस्थमा, धूल मिट्टी से या किसी चीज से एलर्जी और सांस लेने में किसी तरह की परेशानी भी पैनिक अटैक का कारण बनती है।