कैलिफोर्निया में तेजी से फेल रहा है Valley Fever का खतरा, जानें लक्षण और बचाव

WD Feature Desk
शुक्रवार, 2 अगस्त 2024 (14:28 IST)
Valley Fever
Valley Fever : कोरोना महामारी के बाद अब वैली फीवर नाम की एक नई बीमारी तेजी से फैल रही है। हाल ही में कैलिफोर्निया में पांच लोगों में वैली फीवर के मामले सामने आए हैं। हालांकि, भारत में अभी तक इस बीमारी का कोई मामला रिपोर्ट नहीं हुआ है। आइए जानते हैं वैली फीवर के बारे में विस्तार से, इसके कारण, लक्षण और बचाव के उपायों के बारे में। ALSO READ: मानसूनी बुखार और डेंगू में क्या होता अंतर? जानें लक्षण और बचाव
 
वैली फीवर क्या है?
वैली फीवर, जिसे कोक्सीडिया माइकोसिस के नाम से भी जाना जाता है, एक फंगल संक्रमण है जो कोक्सीडियोइड्स प्रजाति के कारण होता है। यह फंगस आमतौर पर शुष्क क्षेत्रों की मिट्टी में पाया जाता है, खासकर दक्षिण-पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका के कुछ हिस्सों में। इस बीमारी का नाम वैली फीवर कैलिफोर्निया में सैन जोकिन वैली से मिला है। अधिकांश मामलों में, वैली फीवर के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं और कुछ ही दिनों में अपने आप ठीक हो जाते हैं। ALSO READ: सेलेब्स की अच्छी लाइफस्टाइल होने के बाद भी क्यों हो जाता है उन्हें कैंसर?
 
वैली फीवर के लक्षण:
वैली फीवर कैसे फैलता है?
यह संक्रमण मिट्टी से फैलता है क्योंकि यह फंगस मिट्टी में मौजूद होते हैं। जब मिट्टी हवा में उड़ती है, तो यह फंगस सांस के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर जाता है। जो लोग खेतों में काम करते हैं, निर्माण स्थलों पर काम करते हैं या धूल भरे क्षेत्रों में रहते हैं, उन्हें मिट्टी में मौजूद फंगस के संपर्क में आने का खतरा अधिक होता है। गर्म जलवायु और शुष्क क्षेत्रों में यह फंगस अधिक सक्रिय होता है, इसलिए ऐसे इलाकों के लोगों में यह बीमारी होने की संभावना अधिक होती है।
वैली फीवर से बचाव के उपाय:
वैली फीवर एक गंभीर बीमारी हो सकती है, इसलिए इसके लक्षणों के बारे में जागरूक रहना और बचाव के उपायों का पालन करना महत्वपूर्ण है।
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