Diwali Puja: हिन्दू धर्म में धन और समृद्धि से संबंधित कुछ देवी और देवता हैं जिनकी दीपावली के दिन पूजा किए जाने का प्रचलन रहा है। वैसे तो दिवाली के शुभ दिन लक्ष्मी महालक्ष्मी की पूजा का विधान है लेकिन लक्ष्मी पूजन के साथ ही अन्य देवी और देवताओं की पूजा के साथ ही कुछ वस्तुओं की पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है।
भगवान गणेश : प्रथम पूज्य गणेश के नाम के साथ ही हर शुभ, लाभ व मंगल कार्य का शुभारंभ होता है। गणेशजी के दाएं ओर स्वस्तिक तथा बाएं ओर 'ॐ' का चिन्ह बनाया जाता है। यह वास्तु अनुसार सुख-शांति और समृद्धि देने वाला है। गणेशजी हमारी समृद्धि का प्रथम प्रतीक हैं। माता लक्ष्मी के साथ इनकी पूजा का भी प्रचलन है।
यक्षराज कुबेर : रावण के सौतेले भाई कुबेर को भगवान शंकर ने 'धनपाल' होने का वरदान दिया था। इन्हें यक्ष भी कहा गया है। देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर को पूजने से भी पैसों से जुड़ी तमाम समस्याएं दूर रहती हैं। लक्ष्मी, गणेश और सरस्वती के साथ ही कुबेर का भी एक चित्र रखें। दीवावली के 3 दिन पूर्व धनतेरस का दिन कुबेर की पूजा का दिन है।
देवी सरस्वती : मां सरस्वती विद्या, बुद्धि, ज्ञान और वाणी की अधिष्ठात्री देवी हैं तथा शास्त्र ज्ञान को देने वाली हैं। ज्ञान के बल पर ही धन और बल की वृद्धि होती रहती है। बिना ज्ञान धन और समृद्धि का होना व्यर्थ ही माना जाता है इसीलिए धन की देवी लक्ष्मी के साथ सरस्वती की भी पूजा का महत्व है। सरस्वती को बागीश्वरी, भगवती, शारदा, वीणावादिनी और वाग्देवी सहित अनेक नामों से पूजा जाता है।
वस्तुएं : श्रीयंत्र, मंगल कलश, कौड़ियां, शंख, एकाक्षी नारियल, चांदी या सोने का सिक्का, धन, गोमती चक्र, जेवर और दीपक।