kanya rashi me mangal ka prabhav: 28 जुलाई 2025 सोमवार को रात्रि 08 बजकर 11 मिनट पर सिंह से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। इस दौरान सूर्य कर्क में, शनि मीन में, राहु कुंभ में और केतु सिंह में, बृहस्पति मिथुन में, बुध कर्क में, शुक्र मिथुन में और चंद्रमा कन्या में रहेंगे। इसी दौरान मंगल और शनि का आमना सामना होगा। शुक्र और गुरु, मंगल और चंद्र और सूर्य एवं बुध की युति रहेगी। यनि शुक्र गुरु से गजलक्ष्मी योग, सूर्य और बुध से बुधादित्य योग और मंगल और चंद्र की युति से लक्ष्मी योग योग का निर्माण होगा।
1. वृषभ राशि: आपकी कुंडली के सातवें तथा द्वादश भाव के स्वामी मंगल का आपके पंचम भाव में गोचर होगा। इसके परिणाम स्वरूप संतान को लेकर आपकी चिंता बढ़ सकती है। प्रेम संबंधों पर भी नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। छात्रों को अपनी पढ़ाई पर ज्यादा फोकस करने की जरूर होगी। खान-पान उचित बनाए रखना होगा वर्ना सेहत बिगड़ सकती है। नौकरी को लेकर भी आपको सतर्क रहने की जरूरत है। करोबारी हैं तो मिलाजुला परिणाम प्राप्त होगा।
2. मिथुन राशि: आपकी कुंडली के छठे तथा ग्यारहवें भाव के स्वामी मंगल का चतुर्थ भाव में गोचर होगा। यहां वे अच्छा फल नहीं देते हैं। अपने क्रोध को काबू में रखना होगा। माता की सेहत का ध्यान रखना होगा। घर-गृहस्थी से संबंधित मामलों में भी बहुत ही सावधानी पूर्वक निर्वाह करना होगा। परिजनों से विवाद न करें। भूमि और भवन से संबंधित विवाद हो सकता है। सेहत का भी ध्यान रखें। कार्यक्षेत्र में रुकावट आ सकती है।
3. कन्या राशि: आपकी कुंडली के तीसरे तथा आठवें भाव के स्वामी मंगल का पहले भाव में गोचर होगा। शनि के प्रभाव में मंगल का यह गोचर आपके स्वभाव को बिगड़ देगा। आपको अपने क्रोध पर काबू करना होगा। वाणी पर संयम रखना होगा। वाहन इत्यादि चलाते वक्त सावधानी रखने की जरूरत है। ज्यादा मिर्च मसाले वाली चीज खाने से परेशानी खड़ी हो सकती है। जीवनसाथी को लेकर किसी भी प्रकार का विवाद न करें सचेत रहने की आवश्यकता है।
4. तुला राशि: आपकी कुंडली के दूसरे तथा सातवें भाव के स्वामी का द्वादश भाव में गोचर होगा। आपके खर्चें बढ़ जाएंगे। दांपत्य जीवन के लिए भी यह गोचर ठीक नहीं माना जा सकता है। रिश्तों और सेहत को लेकर आपको अतिरिक्त सावधानी रखना होगी। हालांकि विदेश से जुड़े मामले में आपको लाभ मिल सकता है। इस गौचर के दौरान आपको समझदारी से काम लेना होगा।
5. कुंभ राशि: आपकी कुंडली के तीसरे तथा दशम भाव के स्वामी मंगल का अष्टम भाव में गोचर होगा। आपको अपने कार्यक्षेत्र में विशेष सावधानी रखने की जरूरत है। वरिष्ठों, भाई-बंधुओं, पड़ोसियों और मित्रों के साथ संबंधों को अच्छा बनाकर रखना होगा। सेहत का भी विशेष ध्यान रखना होगा। क्रोध को काबू में रखना होगा। जिन लोगों का काम आग, बिजली अथवा धारदार या नुकीली चीज़ों से जुड़ा हुआ है, उन्हें बहुत ही सावधानी रखने की आवश्यकता रहेगी।