1. हिंगलाज का शक्तिपीठ : सिन्ध की राजधानी कराची जिले के बाड़ीकलां में माता का मंदिर सुरम्य पहाड़ियों की तलहटी में स्थित है। ये पहाड़ियां पाकिस्तान द्वारा जबरन कब्जाए गए बलूचिस्तान में हिंगोल नदी के समीप हिंगलाज क्षेत्र में स्थित हैं। यहां का मंदिर प्रधान 51 शक्तिपीठों में से एक है। हिंगलाज ही वह जगह है, जहां माता का सिर गिरा था। यहां माता सती कोठरी रूप में जबकि भगवान शंकर भीमलोचन भैरव रूप में प्रतिष्ठित हैं। कहते हैं कि यहां माता का ब्रह्मरंध गिरा था। इसे नानी मां का मंदिर भी कहा जाता है।
2. कटसराज मंदिर, चकवाल : भगवान शिव की पत्नी जब सती हुई तो महादेव की आंख से गिरे दो आंसू। एक आंसू गिरा भारत के पुष्कर में और दूसरा गिरा सीधा पाकिस्तानी पंजाब के चकवाल जिले में। बताते हैं कि करीब 900 साल पहले चकवाल में कटसराज मंदिर बनाया गया। यह भी मान्यता है कि यहां पर भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था। हालांकि इसका कहीं उल्लेख नहीं मिलता है।
4. गौरी मंदिर : गौरी मंदिर सिंध प्रांत के थारपारकर जिले में है। पाकिस्तान के इस जिले में अधिकतर आदिवासी हैं जिन्हें थारी हिन्दू कहा जाता है। मध्यकाल में बने इस मंदिर में हिन्दू और जैन धर्म के अनेक देवी-देवताओं की मूर्तियां रखी हुई हैं। पाकिस्तान के कट्टरपंथियों के बढ़ते प्रभाव के कारण यह मंदिर भी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच चुका है।