नीलकंठ पक्षी (neelkanth) को भगवान का प्रतिनिधि माना गया है। 'नीलकंठ तुम नीले रहियो, दूध-भात का भोजन करियो, हमरी बात राम से कहियो', यह लोकोक्ति नीलकंठ के महत्व को दर्शाती है।
दशहरा पर्व (vijayadashami) पर इस पक्षी के दर्शन को शुभ और भाग्य को जगाने वाला माना जाता है। जिसके चलते दशहरे के दिन हर व्यक्ति इसी आस में छत पर जाकर आकाश को निहारता है कि उन्हें नीलकंठ पक्षी के दर्शन हो जाए। ताकि साल भर उनके यहां शुभ कार्य का सिलसिला चलता रहे। इस दिन नीलकंठ के दर्शन होने से घर के धन-धान्य में वृद्धि होती है, और फलदायी एवं शुभ कार्य घर में अनवरत् होते रहते हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार नीलकंठ भाग्य विधाता होने के साथ-साथ किसानों का मित्र भी है, क्योंकि सही मायने में नीलकंठ किसानों के भाग्य का रखवारा भी होता है, जो खेतों में कीड़ों को खाकर किसानों की फसलों की रखवारी करता है। अत: दशहरे के दिन नीलकंठ के दर्शन करें तो निश्चित ही आप मालामाल हो जाएंगे।