Dussehra 2023: आश्विन माह के शुक्ल पक्ष दशमी को दशहरा का उत्सव मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार इस दिन प्रभु श्रीराम ने रावण का वध किया था। इसी दिन माता दुर्गा कात्यायनी ने महिषासुर का वद दिया था। इसी के याद में यह उत्सव मनाया जाता है, परंतु आपको पता है कि श्रीराम ने रावण से युद्ध करने के पूर्व किस देवी की पूजा की थी?
-यह स्थान किसी मंदिर, गार्डन आदि के आसपास भी हो सकता है।
-पूजन स्थान को स्वच्छ करें और चंदन के लेप के साथ अष्टदल चक्र (8 कमल की पंखुड़ियां) बनाएं।
-अपराजिता के नीले फूल या सफेद फूल के पौधे को पूजन में रखें।
-पुष्प और अक्षत के साथ देवी अपराजिता की पूजा के लिए संकल्प लें।
-अब प्रार्थना करें।
-विसर्जन मंत्र- अब निम्न मंत्र के साथ पूजा का विसर्जन करें।
-'हारेण तु विचित्रेण भास्वत्कनकमेखला। अपराजिता भद्ररता करोतु विजयं मम।'