उल्लेखनीय है कि पूरे वर्ष में सबसे शुभ मुहूर्त- चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, आश्विन शुक्ल दशमी, वैशाख शुक्ल तृतीया एवं कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा (आधा मुहूर्त) होते हैं। इस बार शस्त्र पूजन करने का समय निम्नानुसार रहेगा। आइए जानें
* सबसे पहले अपने सभी शस्त्रों को पूजा स्थान पर रख जल या गंगा जल छिड़कें।
* महाकाली के पाठ या आरती बोलते हुए शस्त्रों पर कुमकुम और हल्दी का तिलक लगाएं।