इस वर्ष 29 जून को ईद-उल-अजहा (Eid ul Adha) या बकरीद (Bakrid) का त्योहार मनाया जाएगा। ईद-उल-अजहा पैगंबर हजरत इब्राहीम अलेहिस्सलाम द्वारा अल्लाह के हुक्म पर अपने बेटे हजरत इस्माईल अलैय सलाम की कुर्बानी देने की यादगार है। इस्लाम धर्म में ईद-उल-जुहा पर कुर्बानी देने के कुछ नियम भी हैं, जिसका पालन करना हर मुसलमान के लिए जरूरी माना गया है।
आइए यहां जानते हैं यहां ईद-उल-अजहा के दिन क्या करें-
1. ईद अल अदहा के दिन सुबह जल्दी उठकर नमाज अदा करें।
2. मिस्वाक (दातून) करना।
3. खुद की सफाई करके गुस्ल (नहाना) के पश्चात पुरुष, महिलाएं और बच्चे अच्छी पोशाक नए या पुराने, लेकिन साफ कपड़े पहनते हैं।
4. ईद-उल-जुहा के दिन कुर्बानी बकरे, भेड़, ऊंट और भैंस पर की जाती है।
5. कुर्बानी करते वक्त जानवर को किबला रुख लिटाकर दुआ पढ़ते हुए कुर्बानी करना चाहिए।
6. कुर्बानी के समय जानवर को किसी भी तरह की चोट या बीमारी नहीं होनी चाहिए, वह बिल्कुल स्वस्थ होना चाहिए, क्योंकि इस्लाम धर्म में ऐसे जानवरों पर कुर्बानी जायज़ नहीं है।
7. कुर्बानी के गोश्त के 3 बराबर हिस्से करना चाहिए, जिनमें से 1 अपने घर के लिए, 2 रिश्तेदारों व दोस्तों के लिए और 3 गरीबों के लिए होना चाहिए।
बेशक अल्लाह को कुर्बानी का गोश्त नहीं पहुंचता है, बल्कि वह तो केवल कुर्बानी के पीछे बंदों की नीयत को देखता है। अत: ईद उल अजहा पर कुर्बानी दी जाती है। यह एक जरिया है जिससे बंदा अल्लाह की रजा हासिल करता है।