Apra achala ajala ekadashi :प्रत्येक माह में 2 और वर्ष में 24 एकादशियां होती है। हालांकि प्रत्येक तीसरे वर्ष अधिकमास होने से 2 एकादशियां जुड़कर ये कुल 26 होती हैं। प्रत्येक एकादशी के अलग अलग नाम है और उनका महत्व एवं फल भी भिन्न भिन्न है। आओ जानते हैं अपरा एकादशी के संबंध में 10 खास बातें।
अपरा एकादशी का क्या अर्थ है | What is the meaning of Apara Ekadashi?
अपरा एकादशी को अचला और अजला एकादशी भी कहते हैं। अपरा का अर्थ होता है लौकिक या सांसारिक। भौतिकवादी ज्ञान। अचला का अर्थ अचल, स्थिर और धरती होता है। एकादशी का अर्थ ग्यारहवीं तिथि। यह व्रत सांसारिक कार्यों में सफलता प्रदान करता है। एक मान्यता के अनुसार अपरा का अर्थ होता है अपार, इसीलिए इस दिन व्रत करने से अपार धन-दौलत की प्राप्ति होती है।
अपरा एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा | When will the fast of Apara Ekadashi be observed?
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की 11वीं तिथि के दिन अपरा एकादशी का व्रत रखा जाता है। शुक्ल पक्ष में निर्जला एकादशी आती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार 2023 में 15 मई को यह व्रत रखा जाएगा।
अपरा एकादशी पर हम क्या खा सकते हैं | What can we eat on Apara Ekadashi ?
वैसे तो एकादशी के दिन कुछ भी नहीं खाते हैं। परंतु, अपरा एकादशी के दिन यदि एक समय का उपवास रख रहे हैं तो दूसरे समय शुद्ध सात्विक भोजन कर सकते हैं। नहीं तो आप मोरधन की खिचड़ी खाकर भी यह एकादशी कर सकते हैं।
अपरा एकादशी में क्या नहीं खाना चाहिए | What should not be eaten on Apara Ekadashi ?
इस दिन पान नहीं खाना चाहिए।
इस दिन चावल खाना भी वर्जित है।
इस दिन अंडे या मांस नहीं खाना चाहिए।
इस दिन मदिरापान नहीं करना चाहिए।
इस दिन सेम फल या फली नहीं खाना चाहिए।
अपरा एकादशी का क्या महत्व है | What is the importance of Apara Ekadashi ?
अपरा एकादशी व्रत से मनुष्य को अपार खुशियों की प्राप्ति होती है तथा समस्त पापों से मुक्ति मिलती है
निर्जला का अर्थ निराहार और निर्जल रहकर व्रत करने से हर प्रकार की मनोरथ सिद्धि होती है।
इस दिन भगवान त्रिविक्रम यानि भगवान विष्णु की तुलसी, चंदन, कपूर व गंगाजल से पूजा करनी चाहिए।
अपरा एकादशी व्रत से मनुष्य को अपार पुण्य और खुशियों की प्राप्ति होती है।
अपरा एकादशी व्रत रखने से मनुष्य ब्रह्म हत्या, परनिंदा और प्रेत योनि जैसे समस्त पापों से मुक्ति पाता है।
एकादशी का व्रत रखने से मानसिक शांति मिलती है।
इस एकादशी का विधिवत व्रत रखने से मनुष्य संसार में प्रसिद्ध हो जाता है।
पुराणों के अनुसार जो व्यक्ति एकादशी करता रहता है, वह जीवन में कभी भी संकटों से नहीं घिरता और उसके जीवन में धन और समृद्धि बनी रहती है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार जो फल गंगा नदी के तट पर पितरों को पिंडदान करने, कुंभ में केदारनाथ के दर्शन या फिर बद्रीनाथ के दर्शन, सूर्यग्रहण में स्वर्णदान करने से मिलता होता है, वही फल अपरा एकादशी का व्रत करने से भी प्राप्त होता है।
Vijaya Ekadashi
अपरा एकादशी का व्रत कैसे करें | How to fast on Apara Ekadashi ?
एकादशी तिथि के प्रारंभ होने से पूर्व ही दशमी से व्रत का प्रारंभ हो जाता है।
सुबह उठकर स्नान करने के बाद साफ वस्त्र पहनें और एकादशी व्रत का संकल्प करें।
तत्पश्चात पूजन से पहले घर के मंदिर में एक वेदी बनाए उस पर सात तरह के धान यानी उड़द, मूंग, गेहूं, चना, जौ, चावल और बाजरा रखें।
उस वेदी पर कलश की स्थापना करें, उस पर आम के या अशोक वृक्ष के 5 पत्ते लगाएं।
अब भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर रखें और भगवान विष्णु को पीले पुष्प, ऋतु फल और तुलसी दल चढ़ाएं।
फिर धूप-दीप से आरती करें।
शाम को भगवान विष्णु की आरती करके फलाहार ग्रहण करें।
रात्रि के समय भजन-कीर्तन करते हुए जागरण करें।
अगले दिन सुबह ब्राह्मण को भोजन कराएं और इच्छानुसार दान-दक्षिणा देकर तत्पश्चात व्रत का पारण करें।
सबसे महत्वपूर्ण एकादशी कौन सी है | Which is the most important Ekadashi ?
वैसे तो प्रत्येक एकादशी महत्वपूर्ण है क्योंकि सभी का अलग अलग फल मिलता है, परंतु देव उठनी और देवशयनी एकादशी को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके बाद षटतिला एकादशी, विजया एकादशी, कामदा एकादशी, मोहिनी एकादशी और निर्जला एकादशी को महत्वपूर्ण माना जाता है।
क्या एकादशी के दिन दूध पी सकते हैं | Can we drink milk on Ekadashi ?
एकादशी के दिन दूध और जल का सेवन कर सकते हैं। हलांकि निर्जला एकादशी के दिन ऐसा नहीं कर सकते हैं। कुछ लोग सबसे महत्वपूर्ण एकादशियों के दिन पूर्णोपवास रखते हैं।
एकादशी के दिन क्या न करे | What not to do on Ekadashi ?
इस दिन पान नहीं खाएं, चावल, अंडा, मटन, सेमफल या सेमफली भी नहीं खाएं।
इस दिन मदिरापान नहीं करना चाहिए।
इस दिन दिन में शयन नहीं करना चाहिए।
किसी भी प्रकार से क्रोध नहीं करें।
किसी का अपमान करना या किसी का दिल दुखाने का कार्य न करें।
इस दिन तुलसी में जल देता या तुलसी का पत्ता तोड़ना अपराध है।
इस दिन मन में किसी भी प्रकार से गलत विचार न आने दें।
क्या एकादशी के दिन बाल धो सकते हैं | Can I wash my hair on Ekadashi?
महिलाओं को एकादशी के दिन बाल नहीं धोना चाहिए।
उन्हें गुरवार और अमावस्या के दिन भी बाल नहीं धोना चाहिए।
यदि आप किसी भी दिन व्रत रखते हैं तो उस दिन बाल नहीं धोना चाहिए।
कहते हैं कि बाल धोने से मां लक्ष्मी रुष्ठ हो जाती है और एकादशी का फल नहीं मिलता है।