देवशयनी एकादशी व्रत में छिपे हैं स्वास्थ्य और अध्यात्म के रहस्य, पढ़ें 5 लाभ

WD Feature Desk

शनिवार, 28 जून 2025 (09:48 IST)
Ekadashi 2025 rituals and spiritual benefits: प्रतिवर्ष मनाई जाने वाली आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इसके अन्य नाम हरिशयनी तथा पद्मा एकादशी भी हैं। इस बार यह एकादशी 06 जुलाई 2025, दिन रविवार को पड़ रही है। धार्मिक मान्यतानुसार हरिशयनी/ देवशयनी एकादशी पर पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान विष्णु की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है, जिससे आपके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है।ALSO READ: देवशयनी एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा, क्या महत्व है इस एकादशी का?
 
आइए जानते हैं यहां देवशयनी एकादशी व्रत से मिलने वाले 5 लाभों के बारे में...
 
1. इस दिन दान-पुण्य और सात्विक आहार लेने का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन चीजें दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और भगवान प्रसन्न होते हैं। यह आपके कर्मों को शुद्ध करता है और जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करता है। सात्विक आहार शरीर और मन को शुद्ध रखता है।
 
2. पीपल के पेड़ की पूजा और जल अर्पित करने से यह पितृ दोषों को शांत करता है और कुंडली में ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को कम करता है। इससे जीवन में स्थिरता और शांति आती है।
 
3. भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की संयुक्त पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है, धन में अपार वृद्धि होती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
 
4. विष्णु सहस्रनाम या विष्णु चालीसा का पाठ समस्त पापों का नाश करता है और भगवान विष्णु की असीम कृपा प्राप्त होती है। चातुर्मास के दौरान भजन-कीर्तन का विशेष महत्व है। इससे मानसिक शांति भी प्राप्त होती है। 
 
5. तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं। तुलसी पूजन से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है, नकारात्मकता दूर होती है और धन-धान्य की कमी नहीं होती।ALSO READ: देवशयनी एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा, क्या महत्व है इस एकादशी का?
 
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