1. इस बार पांच माह सोएंगे भगवान : देवशयनी एकादशी से चातुर्मास का आरंभ हो जाता है। भगवान विष्णु इस दिन से चार मास के लिए योगनिद्रा में रहते हैं। देवशयनी एकादशी के चार माह बाद भगवान विष्णु निद्रा से जागते हैं इस तिथि को प्रबोधिनी एकादशी या देवउठनी एकादशी कहते हैं लेकिन इस साल 4 महीने की जगह चातुर्मास लगभग 5 महीने का होने जा रहा है। यानी 1 जुलाई से शुरू होकर यह समय 25 नवंबर तक चलेगा, इसके बाद 26 नवंबर से मांगलिक कार्यों की शुरुआत की जा सकेगी।
2. देवशयनी का महत्व : इस दिन से व्रत, साधना और पूजा आदि का समय प्रारंभ हो जाता है। देवशयनी एकादशी का व्रत करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और सभी पापों का नाश हो जाता है। इस दिन मंदिर और मठों में भगवान विष्णु की विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है।
3. देवशयनी पूजा विधि : यदि आप इस एकादशी का व्रत रख रहे हैं तो ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर पूजा की तैयारी करें। पूजा स्थल को साफ करने के बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा को आसन पर विराजमान करें। फिर भगवान विष्णु को पीले वस्त्र, पीले फूल, पीला चंदन चढ़ाएं। फिर पान और सुपारी अर्पित करने के बाद धूप, दीप और पुष्प चढ़ाकर आरती उतारें।