Ekadashi List 2025: ग्यारस अर्थात ग्यारह तिथि को एकादशी और तेरस या त्रयोदशी तिथि को प्रदोष कहा जाता है। प्रत्येक शुक्ल और कृष्ण पक्ष में यह दोनों ही तिथियां दो बार आती है। हिन्दू धर्म में एकादशी को विष्णु से तो प्रदोष को शिव से जोड़ा गया है। हालांकि ऐसा जरूरी नहीं है। आपका ईष्ट कोई भी आप यह दोनों ही व्रत रख सकते हैं। दोनों ही तिथियों पर व्रत रखने के दो बड़े लाभ है। पहला यह कि कोई गंभीर रोग नहीं होगा और दूसरा यह की चंद्र से संबंधित कोई दोष नहीं लगेगा। जानिए 2025 में कब कब रहेगी एकादशी तिथि और प्रदोष का व्रत।ALSO READ: साल 2025 में कब-कब पड़ेगी चतुर्थी तिथि, जानें पूरे साल की लिस्ट
26 एकादशियां: चैत्र माह में कामदा और वरूथिनी एकादशी, वैशाख माह में मोहिनी और अपरा, ज्येष्ठ माह में निर्जला और योगिनी, आषाढ़ माह में देवशयनी एवं कामिका, श्रावण माह में पुत्रदा एवं अजा, भाद्रपद में परिवर्तिनी एवं इंदिरा, आश्विन माह में पापांकुशा एवं रमा, कार्तिक माह में प्रबोधिनी एवं उत्पन्ना, मार्गशीर्ष में मोक्षदा एवं सफला, पौष में पुत्रदा एवं षटतिला, माघ में जया एवं विजया, फाल्गुन में आमलकी एवं पापमोचिनी, अधिकमास (तीन वर्ष में एक बार) में पद्मिनी एवं परमा एकादशी। वर्ष में 24 एकादशी जबकि प्रत्येक तीसरे वर्ष 26 एकादशी होती है। ALSO READ: साल 2025 में कब-कब पड़ेगी पूर्णिमा तिथि और अमावस्या, जानें पूरे साल की लिस्ट
26 प्रदोष: हर महीने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। अलग-अलग दिन पड़ने वाले प्रदोष की महिमा अलग-अलग होती है। सोमवार का प्रदोष सोम प्रदोष, मंगलवार को आने वाला प्रदोष भौम प्रदोष और अन्य वार को आने वाला प्रदोष सभी का महत्व और लाभ अलग अलग है।