अधिक/ पुरुषोत्तम मास में आने वाली एकादशी का नाम पद्मिनी है। अनेक पुण्यों को देने वाली यह एकादशी इस वर्ष रविवार, 27 सितंबर 2020 को मनाई जाएगी। मलमास में इस एकादशी का व्रत करने पर मनुष्य कीर्ति प्राप्त करके बैकुंठ को जाता है, जो मनुष्यों के लिए भी दुर्लभ है। एकादशी के दिन इस विधि-विधान से पूजन कर मनुष्य मोक्ष को प्राप्त कर सकता है।
आइए जानें कैसे करें पूजन-
* पद्मिनी एकादशी करने के लिए दशमी के दिन व्रत का आरंभ करके जौ-चावल आदि का भोजन करें तथा नमक न खाएं।
* एकादशी के दिन मसूर की दाल, चना, शहद, शाक और लहसुन, प्याज के सेवन से बचना चाहिए।
* इस दिन दूसरे किसी अन्य का दिया हुआ भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए।
* शास्त्रों के अनुसार पुरुषोत्तम कमला एकादशी के दिन कांसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।
* इस दिन मीठे में केवल फलाहार का सेवन ही करना चाहिए।
* भूमि पर सोएं और ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें।
* एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में शौच आदि से निवृत्त होकर दंतधावन करें और जल के 12 कुल्ले करके शुद्ध हो जाएं।
* सूर्य उदय होने के पूर्व उत्तम तीर्थ में स्नान करने जाएं।
* इसमें गोबर, मिट्टी, तिल तथा कुशा व आंवले के चूर्ण से विधिपूर्वक स्नान करें।
* श्वेत वस्त्र धारण करके भगवान विष्णु के मंदिर जाकर पूजा-अर्चना करें।
* इस दिन कमला, पद्मिनी एकादशी की कथा अवश्य पढ़ना चाहिए तथा ईश्वर स्मरण करते हुए समय बिताना चाहिए।
पद्मिनी एकादशी के शुभ मुहूर्त
पद्मिनी एकादशी तिथि का प्रारंभ 26 सितंबर 2020, शनिवार को 06:59 मिनट से शुरू होकर 27 सितंबर 2020, रविवार को 07.46 मिनट पर एकादशी तिथि समाप्त होगी।
एकादशी पारण मुहूर्त का समय 06.10 मिनट से 08.26 मिनट तक रहेगा।