माह में 2 एकादशियां होती हैं अर्थात आपको माह में बस 2 बार और वर्ष के 365 दिनों में मात्र 24 बार ही नियमपूर्वक एकादशी व्रत रखना है। हालांकि प्रत्येक तीसरे वर्ष अधिकमास होने से 2 एकादशियां जुड़कर ये कुल 26 होती हैं। माघ माह में षटतिला और जया (भीष्म) एकादशी आती है। आओ जानते हैं षटतिला एकादशी का व्रत में किस तरह तिल के 6 प्रयोग किए जाते हैं।
तिल के 6 प्रयोग के कारण ही इसे षटतिला एकादशी नाम दिया गया है। आज के दिन तिल का प्रयोग 6 प्रकार से करने पर पापों का नाश होता है और बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है या मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही दुर्भाग्य और दरिद्रता का नाश होकर व्रती को सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।