इस दिन दान करने का भी विशेष महत्व माना गया है, शास्त्रों में वर्णन हैं कि हाथी का दान घोड़े के दान से श्रेष्ठ है। हाथी के दान से भूमि दान, भूमि के दान से तिलों का दान, तिलों के दान से स्वर्ण का दान तथा स्वर्ण के दान से अन्न का दान श्रेष्ठ है। अन्न दान के बराबर कोई दान नहीं है। अन्न दान से देवता, पितर और मनुष्य तीनों तृप्त हो जाते हैं। इतना ही नहीं इसे कन्या दान के बराबर माना गया है। वरुथिनी एकादशी के व्रत से अन्न दान तथा कन्या दान दोनों के बराबर फल मिलता है।