क्या सरकार मृतक किसानों के परिवारों को किसान कल्याण कोष से वित्तीय सहायता प्रदान करेगी? इस प्रश्न का उत्तर तोमर ने नही में दिया। तोमर ने सदन में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, देश के विभिन्न राज्यों में आंदोलनरत किसानों की मौत के बारे में कोई विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं है। हालांकि दिल्ली पुलिस ने किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान दो व्यक्तियों की मौत और एक के आत्महत्या करने की जानकारी दी है।
क्या सरकार के पास नवंबर 2020 से जनवरी 2021 तक तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान किसानों की मौतों के मामलों की कुल संख्या और किसानों की आत्महत्या के मामलों का कोई आंकड़ा है, इस पर तोमर ने कहा कि उनके मंत्रालय के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है।
उन्होंने दोहराया, गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट दी है कि प्रश्न में उठाए गए मुद्दों पर देने के लिए कोई विशेष जानकारी नहीं है। हालांकि दिल्ली पुलिस द्वारा यह सूचित किया गया है कि किसानों के विरोध के दौरान दो व्यक्तियों की मौत हो गई और एक ने आत्महत्या कर ली।
मंत्री ने यह भी बताया कि तीन कानूनों के खिलाफ विरोध करने के लिए दिल्ली की ओर मार्च कर रहे किसानों पर दिल्ली पुलिस द्वारा किसी एक्सपायर्ड आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल नहीं किया गया था। हजारों किसान, विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों से आए किसान, दो महीने से अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं, जो तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
केंद्र और 41 प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों के बीच 11 दौर की वार्ता अभी तक अनिर्णायक रही है, हालांकि केन्द्र ने 18 महीनों के लिए कानूनों के निलंबन सहित रियायतें देने की पेशकश की हैं, जिन्हें यूनियनों ने खारिज कर दिया है।(भाषा)