केंद्र बातचीत के लिए तैयार, किसान संघ पहले सरकारी प्रस्ताव पर जवाब तो दें : तोमर
गुरुवार, 25 फ़रवरी 2021 (23:02 IST)
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को कहा कि सरकार प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत फिर से शुरू करने के लिए तैयार है, लेकिन किसान संघ पहले उसके 3 विवादित कृषि कानूनों को डेढ़ साल के लिए स्थगित रखने और समाधान तलाशने के लिए एक संयुक्त समिति के गठन के प्रस्ताव पर जवाब तो दें।
गतिरोध तोड़ने और किसानों के प्रदर्शन को खत्म करने के लिए सरकार और किसान संघों के बीच अब तक 11 दौर की बातचीत हो चुकी है और आखिरी दौर की बातचीत 22 जनवरी को हुई थी। किसानों द्वारा 26 जनवरी को आयोजित ट्रैक्टर परेड के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा के बाद बातचीत फिर शुरू नहीं हुई।
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ करीब तीन महीने से दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें से अधिकतर किसान पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं। किसानों का कहना है कि नए कृषि कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर राज्यों द्वारा उनकी फसल की खरीद खत्म हो जाएगी।
तोमर ने यहां एक कार्यक्रम से इतर कहा, सरकार किसानों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। हमने (किसान संघों से) कई दौर की बातचीत की है। हमनेकृषि सुधार अधिनियम को डेढ़ साल तक स्थगित रखने और समाधान तलाशने के लिए संयुक्त समिति बनाने समेत कई संशोधनों का भी प्रस्ताव रखा, लेकिन उन्होंने हमारे प्रस्तावों का जवाब नहीं दिया।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार की अपने प्रस्तावों में सुधार की योजना है, मंत्री ने कहा, किसानों को पहले अपनी राय व्यक्त करनी चाहिए कि वे क्या चाहते हैं।कुछ राज्यों में हो रही महापंचायतों पर तोमर ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में कोई भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित कर सकता है।
मंत्री ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने तीन कृषि कानूनों का क्रियान्वयन अगले आदेश तक रोक रखा है और समाधान तलाशने के लिए एक समिति भी गठित की है। उन्होंने कहा, उच्चतम न्यायालय में हमें पूरा भरोसा है।
तोमर ने कहा कि तीन सदस्यीय समिति विभिन्न पक्षकारों से मिल रही है और विस्तृत चर्चा के बाद अपनी अनुशंसा सौंपेगी। मंत्री ने कहा कि इसके साथ ही सरकार भी मामले को हल करने की कोशिश कर रही है और प्रदर्शनकारी किसान संघों से बात करने को तैयार है तथा गतिरोध दूर करना चाहती है।(भाषा)