सूत्रों ने बताया कि ऐसे में सिर्फ एक घंटे की बैठक के बाद दोनों पक्षों ने भोजनावकाश लिया। इस दौरान तीनों केंद्रीय मंत्रियों ने आगे का रास्ता निकालने के लिए चर्चा की जबकि किसान संगठन के नेताओं ने लंगर के माध्यम से आया भोजन ग्रहण किया। हालांकि 30 दिसंबर की तरह आज केंद्रीय नेता लंगर के भोजन में शामिल नहीं हुए और भोजनावकाश के दौरान अलग से चर्चा करते रहे।
भोजनावकाश एक घंटे से अधिक समय तक चला और गतिरोध समाप्त होने के कोई संकेत नहीं मिले क्योंकि सरकार कानूनों को निरस्त नहीं करने के अपने रुख पर कायम है। पहले घंटे की बातचीत के दौरान सिर्फ तीनों कृषि कानूनों को लेकर चर्चा हुई और अनाज खरीद से जुड़ी न्यूनतम समर्थन मूल्य की प्रणाली को कानूनी गारंटी देने की महत्वपूर्ण मांग पर चर्चा नहीं हुई। (भाषा)