ट्रंप के ट्रेड सलाहकार नवारो जेल भी जा चुके हैं, भारत से संबंध बिगाड़ने में बड़ी भूमिका, अमेरिकी हिन्दुओं के निशाने पर भी आए
Trump trade advisor Peter Navarro: भारत और अमेरिका के संबंध इस समय बुरे दौर में हैं। 'हाउडी मोदी' और 'नमस्ते ट्रंप' के दौर से निकलकर अब दोनों देशों के संबंध 50 फीसदी टैरिफ तक पहुंच गए हैं। अमेरिका द्वारा भारत पर लगाया गया टैरिफ दुनिया में सबसे ज्यादा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 'नोबेल महत्वाकांक्षा' के कारण तो इन सबंधों में गिरावट आई ही, लेकिन उनके ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो ने संबंध बिगाड़ने में 'आग में घी' डालने का काम किया। नवारो का विवादों से पुराना नाता है। वे जेल भी जा चुके हैं।
नवारो को ट्रम्प की टैरिफ नीतियों के मास्टरमाइंड माना जाता है। उनके बयानों ने भी भारत-अमेरिकी संबंधों को बिगाड़ने में अहम भूमिका निभाई। नवारो ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा था कि भारत में 'ब्राह्मण' भारतीय लोगों की कीमत पर मुनाफाखोरी कर रहे हैं। उन्होंने इस टिप्पणी को रूस से रियायती दर पर तेल खरीदने और उसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊंचे दामों पर बेचने से जोड़ा था। पीटर के इस बयान को भारत में जातिवादी और हिंदू-विरोधी बताया गया, जबकि कुछ अमेरिकी विश्लेषकों ने इसे 'बोस्टन ब्राह्मण' (अमेरिकी समाज के अभिजात वर्ग) के रूपक के रूप में देखने का तर्क दिया, लेकिन इस तर्क को भारत में पूरी तरह से खारिज कर दिया गया।
भारत को नाराज करने में बड़ी भूमिका : नवारो ने भारत और भारतीयों को नाराज करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने यूक्रेन युद्ध को 'मोदी का युद्ध' तक कह दिया। उनका आरोप था कि भारत की तेल खरीद इस संघर्ष को मदद मिल रही है। नवारो ने भारत पर रूस के लिए धन शोधन का काम करने का आरोप भी लगाया। उनका कहना था कि भारत रूस से कच्चा तेल खरीदकर, उसे रिफाइन कर रहा है और फिर यूरोप, एशिया और अफ्रीका में बेच रहा है। इससे रूस को धन मिल रहा है। नवारो ने 50 फीसदी टैरिफ को भी सही ठहराया है।
हिन्दू समुदाय का विरोध : नवारो के बयानों का भारत में तो कड़ा विरोध हुआ ही है, दूसरी ओर, अमेरिका में भी हिंदू समुदाय के कुछ समूहों ने नवारो की टिप्पणियों की आलोचना की है। उन्होंने नवारो को 'हिंदू विरोधी' बताते हुए ट्रम्प से उन्हें पद से हटाने की मांग की है।
जेल भी जा चुके हैं नवारो : अमेरिकी अर्थशास्त्री, लेखक और राजनीतिक पीटर नवारो जेल भी जा चुके हैं। उन्हें कांग्रेस की अवमानना के दो मामलों में दोषी ठहराया गया था और चार महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी। यह सजा उन्हें 6 जनवरी 2021 को यूएस कैपिटल पर हुए हमले की जांच कर रही हाउस समिति के सामने पेश होने और दस्तावेज देने से इनकार करने के लिए मिली थी। वह कांग्रेस की अवमानना के आरोप में जेल जाने वाले पहले पूर्व व्हाइट हाउस अधिकारी बने। मार्च 2024 में नवारो जेल गए। हालांकि जुलाई 2024 में उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया।