विवादों में घिरे तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक सहित अन्य विपक्षी पार्टियों के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण मंगलवार को लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही बाधित रही। तोमर ने लोकसभा में कहा कि सरकार किसानों से जुड़े मुद्दों पर संसद के अंदर और बाहर चर्चा करने को तैयार है।
दूसरी ओर एक प्रश्न के लिखित उत्तर में तोमर ने कहा कि मुद्दे के समाधान के लिए सरकार एवं आंदोलनकारी किसान संगठनों के बीच 11 दौर की वार्ता हुई है और सरकार ने कृषि कानूनों में संशोधन के बारे में एक के बाद एक कई प्रस्ताव रखे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कृषि सुधार कानूनों के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी है।
किसानों ने लिया आक्रामक ढंग का सहारा : सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने दंगे, आपराधिक बल और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आक्रमक ढंग से सहारा लिया।
गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने सदन में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी बताया कि सितंबर-दिसंबर, 2020 के बीच प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ 39 मामले दर्ज किए गए। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन कर रहे किसान सामाजिक दूरी का पालन नहीं कर रहे और कोविड-19 महामारी के बीच बिना मास्क के बड़ी संख्या में एकत्र हुए।