नए कृषि कानून के तहत मध्यप्रदेश के होशंगाबाद के किसानों को मिला न्याय

विकास सिंह

शनिवार, 12 दिसंबर 2020 (13:45 IST)
भोपाल। नए कृषि कानून को लेकर जहां देशभर में किसान संगठन केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलकर आंदोलन पर बैठे हैं। वहीं मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले में नए कृषि कानून के तहत किसानों को 24 घंटे के अंदर न्याय मिलने का बड़ा मामला सामने आया है।

किसानों से अनुबंध के बावजूद ध्यान नहीं खरीदने की शिकायत पर होशंगाबाद के पिपरिया एसडीएम कोर्ट ने फॉर्चून राइस लिमिटेड कंपनी को अनुबंधित किसानों से 3000 रूपए प्रति कुंटल की दर से धान खरीदने का आदेश दिया है। मध्यप्रदेश में नए कृषि कानून के तहत यह पहला मामला है जब प्रशासन ने नए कृषि कानून के तहत पहला बड़ा आदेश दिया है।
 
होशंगाबाद जिले के भौखेड़ी के किसान पुष्पराज पटेल और बृजेश पटेल ने पिपरिया एसडीएम नितिन टाले से शिकायत की थी कि फॉर्चून राइस लिमिटेड कंपनी ने पहले पहले किसानों से उनकी धान की फसल खरीदने का अनुबंध किया लेकिन बाद में दाम बढ़ने के बाद वह अपने अनुबंध से मुकर गई और कंपनी के अधिकारी टालमटोल करने लगे। किसानों की शिकायत के बाद एसडीएम ने कंपनी को समन जारी कर 24 घंटे के अंदर किसानों से अनुबंधित दाम पर धान खरीदने का आदेश जारी किया।
 
वहीं अब इस पूरे मामले को लेकर मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार विपक्ष पर हमलावर हो गई है।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर जिला प्रशासन को बधाई देते हुए कानून का विरोध कर रहे विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए कहा कि मैं विपक्षी दलों के नेताओं से यह कहना चाहता हूँ कि अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंकने के लिए भोले-भाले किसानों का इस्तेमाल न करें। एनडीए सरकार ने जो कृषि कानून बनाए हैं, उनसे किसानों को लाभ ही होगा और यदि कोई गड़बड़ करता है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
 
वहीं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा कि नए कृषि सुधार कानून पूरी तरह से किसानों के हितों की रक्षा करने वाले है और विपक्ष के फैलाए जा रहे सभी भ्रम ‌को जवाब देते हुए हमारे मध्य प्रदेश ‌के होशंगाबाद के‌ किसान भाईयों को नए कृषि कानून ‌के तहत न्याय मिला है।
 

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