नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा ने गुरुवार को घोषणा की आने वाले दिनों में केंद्र के 3 कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में 'किसान महापंचायत' आयोजित की जाएगी।विभिन्न कृषि संगठन संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले ही प्रदर्शन कर रहे हैं। मोर्चा ने साफ कर दिया है कि जब तक विवादित तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता एवं उनकी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी नहीं दी जाती तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा।
प्रदर्शनकारी किसान नेता दर्शन पाल ने बताया कि शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में महापंचायत होगी, इसके बाद 13 फरवरी को हरियाणा के बहादुरगढ़ में, 18 फरवरी को राजस्थान के श्री गंगानगर में, 19 फरवरी को राजस्थान के हनुमानगढ़ में, 23 फरवरी को राज्य के ही सीकर में किसानों की महापंचायत होगी।
उल्लेखनीय है कि हजारों की संख्या में किसान दिल्ली के तीन सीमा स्थलों (सिंघू, टिकरी एवं गाजीपुर) पर पिछले 75 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं, जिनमें अधिकतर पंजाब, हरियाणा एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं। बयान में पाल ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों की कर्ज मुक्ति, पूरा दाम की जायज एवं वाजिब मांग को पूरा करने को लेकर गंभीर नहीं है।
संगठनों ने दावा किया कि हरियाणा सरकार ने टिकरी बॉर्डर के प्रदर्शन स्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव किया है। इस बीच, आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने बयान जारी कर कांग्रेस नेता रवनीत सिंह बिट्टू द्वारा दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराने के आरोपों को आधारहीन करार दिया। बिट्टू ने नौ फरवरी को लोकसभा में दावा किया था 26 जनवरी को हुई हिंसा के लिए यादव ने किसानों को भड़काया था।
इस बीच, किसान संगठनों ने सिंघू बॉर्डर स्थित प्रदर्शन स्थल पर लंबे समय से आधारभूत संरचना को मजबूत करना शुरू कर दिया है, जिसके तहत सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं, आने वाले महीनों में गर्मी से बचने के लिए पंखे लगाए जा रहे हैं और इंटरनेट की सेवा बाधित होने की स्थिति से निपटने के लिए वाईफाई की सुविधा के लिए ऑप्टिक फाइबर बिछाई जा रही है।(भाषा)