किसान आंदोलन के 4 महीने 26 मार्च को पूरे होने के मौके पर राष्ट्रव्यापी बंद के आह्वान के दौरान भी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान 12 घंटे तक बंद रहेंगे। इसके बाद, 28 मार्च को केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों की प्रतियों का होलिका दहन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हम तीन (नए कृषि) कानूनों की प्रतियों का होलिका दहन करेंगे और उम्मीद है कि सरकार को सदबुद्धि आएगी और वह इन कानूनों को रद्द करेगी तथा एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के लिए लिखित गारंटी देगी। बंद का सभी मजदूर एवं परिवहन संघों, छात्र, युवा और महिला संगठनों ने समर्थन किया है।
एक अन्य किसान नेता पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि हम राज्य स्तर पर भी इस तरह की बैठकें करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि बंद हर जगह हो। ऑल इंडिया किसान सभा के नेता कृष्णप्रसाद ने कहा कि 112 दिनों से आंदोलन का लगातार जारी रहना अपने आप में एक उपलब्धि है और अब से यह मजबूत होता जाएगा। प्रसाद ने कहा कि न तो आपने, न ही हमने सोचा था कि हम ऐसा कर सकेंगे और लोगों ने यह प्रदर्शित किया है कि वे हमारा समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत बंद राज्य, जिला, तहसील और ग्राम स्तर पर होगा।
प्रसाद ने विद्युत संशोधन विधेयक,2021 पेश करने के केंद्र सरकार के कदम पर भी चिंता प्रकट करते हुए दावा किया कि मौजूदा अधिनियम में कोई भी संशोधन जनवरी में किसानों से किये गये सरकार के वादों के खिलाफ होगा।
सरकार को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना ही होगा: राहुल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि तीनों केंद्रीय कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान झुकने वाले नहीं है और सरकार को ये कानून वापस लेने ही होंगे। उन्होंने ट्वीट किया, न डरेंगे, न झुकेंगे, अत्याचार का सामना, सत्याग्रह से करेंगे। तीनों कृषि विरोधी क़ानून वापस लेने ही होंगे! (भाषा)