न्यायाधीश ने यह भी निर्देश दिया कि आरोप-पत्र की एक प्रति आरोपियों के साथ साझा की जाए। ईडी द्वारा लगाए गए आरोपों पर वाड्रा की कानूनी टीम की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है। वाड्रा के खिलाफ धनशोधन का मामला गुरुग्राम पुलिस द्वारा सितंबर, 2018 में दर्ज की गई एक प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि वाद्रा ने अपनी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से 12 फरवरी 2008 को ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड से 7.5 करोड़ रुपए में झूठी घोषणा के माध्यम से फर्जीवाड़ा कर सेक्टर 83 (गुरुग्राम) के शिकोहपुर गांव में स्थित 3.53 एकड़ जमीन की खरीद की।
यह भूमि सौदा अक्टूबर 2012 में विवादों में घिर गया जब भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी और तत्कालीन भूमि चकबंदी और भूमि अभिलेख महानिदेशक-सह-पंजीकरण महानिरीक्षक अशोक खेमका ने इस सौदे को राज्य चकबंदी अधिनियम और कुछ संबंधित प्रक्रियाओं का उल्लंघन बताते हुए दाखिल खारिज रद्द कर दिया। भाषा Edited by : Sudhir Sharma