सिंघु बॉर्डर पर टैटू से अनोखे अंदाज में विरोध दर्ज करवा रहे हैं युवा

शुक्रवार, 18 दिसंबर 2020 (21:11 IST)
नई दिल्ली। केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों के नारों, तालियों और भाषणों के शोर के बीच एक स्टॉल ऐसा हैं, जहां कृषि विषय पर टैटू बनाए जा रहे हैं और लोग अलग-अलग नारों वाले टैटू बनवाकर अनोखे अंदाज में अपना विरोध दर्ज करवा रहे हैं।
 
टैटू टीम के मुखिया चेतन सूद सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे एक सिख युवक की बांह में टैटू को अंतिम रूप देने में व्यस्त हैं और कहते हैं कि यह संदेश देने का एक तरीका है कि आम आदमी भी किसानों के साथ है। सूद कहते हैं कि टैटू बनाने के काम में माहिर उनके 5 सहयोगी भी इस आंदोलन का हिस्सा बनना चाहते थे और उन्होंने उसी तरह से योगदान देने का निर्णय किया जिसमें वे लोग महिर हैं। लुधियाना से ये लोग शुक्रवार सुबह अपने साजोसामान के साथ दिल्ली हरियाणा बॉर्डर पहुंचे।
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टैटू की विषयवस्तु कृषि है जिसमें फसल काटते किसान, कृषि यंत्रों के साथ किसान आदि चित्र बनाए जा रहे हैं। इनके अलावा 'कर हर मैदान फतह', 'निश्चय कर अपनी जीत करो', 'निर्भय निर्वैर' जैसे प्रेरक नारे भी लिखे जा रहे हैं। सूद बताते हैं कि ये स्थायी टैटू हैं और प्रत्येक की कीमत कम से कम 3,500 रुपए है। सूद और उनके दल का लक्ष्य 3 दिन में करीब 200 टैटू बनाना है और वह भी नि:शुल्क। उन्होंने बताया कि एक टैटू बनाने में करीब 30 मिनट लगते हैं। 
 
होशियारपुर के धीरपाल सिंह (33) ने अपनी बांह में ट्रैक्टर बनवाया है और वे कहते हैं कि इससे वाकई यहां युवाओं में और जोश बढ़ने वाला है। इनके पास ही एक चिकित्सा शिविर लगा है, जहां लोगों को 'प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने' वाली दवाएं दी जा रही हैं। बाबा बलविंदरजी धर्मार्थ ट्रस्ट ने यह शिविर लगाया है। होशियारपुर जिले से आए डॉ. अश्विनी कुमार ने बताया कि इनमें मल्टीविटामिन, जिंक और आयरन की दवाएं शामिल हैं। (भाषा)

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