वर्ष 2016 की रिपोर्ट में विश्व डोपिंगरोधी एजेंसी (वाडा) ने खेल मामलों के वकील रिचर्ड मैकलारेन ने खुलासा किया था कि पिछले 5 वर्षों में 1,000 से अधिक रूसी एथलीटों ने डोपिंग की है। इस रिपोर्ट में फुटबॉल को भी शामिल किया गया था। ऐसे में जब रूस की ही मेजबानी में विश्व कप होने जा रहा है तब फीफा कोई जोखिम नहीं उठाना चाहता है।
फीफा अधिकारी ने कहा कि खिलाड़ियों को जिन डोपिंग कंट्रोल रूम में लाया जाएगा, वहां केवल फीफा के डॉक्टर और फीफा के 2 लोग होंगे। इसके अलावा अन्य किसी को आने की इजाजत नहीं होगी। नमूनों को लुसाने की लैब में ले जाया जाएगा। मैंने रूसी लोगों को कहा है कि सारी जिम्मेदारी फीफा की रहेगी और अब कुछ भी गलत हुआ तो रूस को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा। (वार्ता)